The best Side of Shiv chaisa

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए shiv chalisa in hindi प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15

Comments on “The best Side of Shiv chaisa”

Leave a Reply

Gravatar